मंगलवार, 23 मार्च 2010

जरुरी तो कुछ भी नहीं.......(कविता), (वयंग्य),

माना शिवाजी,महाराणा,भगत सिंह ये पुराने जमाने की बात है,
पर देख ज़रा उन के आगे तेरी क्या औकात है!


जरुरी नहीं के
 सारे के सारे
"रंग दे बसंती"
वाला सीन पैदा करें!
ये भी जरुरी नहीं
के सारे के सारे
"अ वेडनसडे" जैसा
भी कुछ करें!
जरुरी तो कुछ भी नहीं,
जो हम करते है!
डरे-सहमे से जिए
ये भी जरुरी नहीं!
नहीं जरुरी
मरना ऐसे
जैसे
गुमनाम से हम मरते है!


चलो मै तो भावुक हो गया आज,
तुम तो संभालो
अपने आप को ही सही,
आज तुम खुद को संभालोगे तो
कल देश भी संभल जाएगा,
तब लगेगा के शायद
अब किसी भी शहीद का बलिदान
व्यर्थ नहीं जाएगा!

जरुरी  नहीं के सारे के सारे
इसे पढ़ कर भूल जाए,
जरुरी नहीं के सारे के सारे
कुछ "रंग दे बसंती"
या
"अ वेडनसडे"
जैसा कुछ कर पायें!
क्योंकि हम मजबूर जो है!
जिम्मेवार है,
भले ही जिम्मेवारी समझे ना समझे!

जरुरी नहीं के सारे के सारे
शर्मा जाएँ खुद से ही
जब वो तुलना करेंगे खुदकी उनसे
जिन्होंने अपना बलिदान दिया
ये सोच कर के
"एक भगत के मरने से हर भारतवासी भगत बन जाएगा!"

जरुरी तो कुछ भी नहीं.......


हर शहीद को कोटि-कोटि नमन ..... 
कुंवर जी,





9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ......आज की मानव रूप को झकझोरती हुई ये रचना

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  2. बहुत बढ़िया

    ये जरुरी तो नही हैं लेकिन इसकी जरुरत बड़ी हैं
    काश ऐसा हो जाये तो

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  3. Kaash ham apni zimmedari samajh jaayen! Aameen! Wo subah kabhi to aayegi...

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  4. हरदीप यार , इतनी अधिक भावुकता वाले चीज़ें मेरे जैसे व्यक्ति का मन डांवाडोल कर सकती हैं । स्वाभाव वश मुझे आंसू भी आ गए । मैं ऐसी चीज़ें लिखने से बच जाता हूँ क्योंकि जब आप अपनी रचना में प्राण डालते हो आपके जीवत्व के भाव उसमे आकर आपके मन को तोड़ देते हैं । और फिर एक ब्लॉगर ना होकर बुरी हालत में फंसे व्यक्ति के लिए भावुकतावश लिख पाना असंभव होता हैं .

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  5. ज़रूरी ना होते हुए भी कुछ ना कुछ करना तो ज़रूरी है....विचारोतेजक रचना

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  6. कविता में सुन्दर भाव कुंवर जी, हाँ , बुरा न माने तो एक बात कहूंगा कि आप "के" की जगह "कि" इस्तेमाल करे !

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  7. आप सब ने मुझे जो सम्मान दिया है उसके लिए मै आपका आभारी हूँ!इस तरह से आप ने मुझे मेरा उत्तरदायित्व एक बार फिर समझा दिया!मै सदैव यही कोशिश करूँगा कि जो सुझाव मिले है उनको अमल में लाऊं!अपना स्नेहाशीष सदा यूँ ही बनाए रखे!
    कुंवर जी,

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  8. phod dala be, waise jaroori to nahi lekin phir bhi tippani kar deta hoon. jai ho..............

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